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हमारी पंचगव्य कार्यशालाएँ इस एक प्रश्न ने मेरा जीवन बदल दिया 2021-02-25t14:33:30+05.500; गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारे गोमय भस्म (सर्व विकार) गोमय भस्म (सर्व विकार) घटक पदार्थ : गोमय (गोबर) बनाने की विधि. गोमूत्र अथवा गोमय एकत्र करें ।. जब गाय गोबर दे रही हो, तब भूमि पर गिरने सेसंपर्क
संपर्क - गव्यशाला. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियां औरउत्पाद
वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 कफ प्रकृति कफ प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है ।. 2. वर्ण – गोरा. 3. त्वचा – चिकनी, पानी से गीलीहुर्इ
उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है रमेश भाई देसाई, नवसारी,गुजरात
रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढ पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATATRANSLATE THIS PAGE पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियांऔर
हमारी पंचगव्य कार्यशालाएँ इस एक प्रश्न ने मेरा जीवन बदल दिया 2021-02-25t14:33:30+05.500; गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारे गोमय भस्म (सर्व विकार) गोमय भस्म (सर्व विकार) घटक पदार्थ : गोमय (गोबर) बनाने की विधि. गोमूत्र अथवा गोमय एकत्र करें ।. जब गाय गोबर दे रही हो, तब भूमि पर गिरने सेसंपर्क
संपर्क - गव्यशाला. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियां औरउत्पाद
वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 कफ प्रकृति कफ प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है ।. 2. वर्ण – गोरा. 3. त्वचा – चिकनी, पानी से गीलीहुर्इ
उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है रमेश भाई देसाई, नवसारी,गुजरात
रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढ 5 STEP METHOD OF EARNING FROM INDIAN COW- LIVE …TRANSLATE THIS PAGE 3 Hrs LiveOnline Workshop on earning from Indian Cowसीखे- गोबर एवम् गौमूत्र से सफल व्यापार करने का "5-Step Method"भारत में आज युवा गौ उत्पाद बनाना सीख तो रहे है पर 100 में से 90 युवा इसे कर ही नहीसंपर्क
संपर्क - गव्यशाला. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियां औरउत्पाद
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देशी गाय से एक लाख रुपया महीना कमाने के 9 सूत्र- …TRANSLATETHIS PAGE
देशी गाय से एक लाख रुपया महीना कमाने के 9 सूत्र- गव्यशाला. 099280-87811. गोमय साबुन (त्वचाविकार) बनाने की विधि. साबुन को छांव में सुखाना पड़ता है इसलिए इसका उत्पादन ग्रीष्मकाल में करें । गोमूत्र घनवटी (गोमुत्र उबालकर बनाई गोलियां) गोमूत्र घनवटी (गोमुत्र उबालकर बनाई गोलियां) गोमूत्र से अर्क बनाने की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात अर्कयंत्र के बाष्पक में जो उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है रमेश भाई देसाई, नवसारी,गुजरात
रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढ पंचगव्य नासिका औषधि Responsive Medical Health WordPress Theme. बनाने की विधि. यह औषधि सूर्य चूल्हे पर (सोलर कुकर में) शीघ्र बनती है परंतु वह न हो, तो कड़ी धूप में परात रखकर औषधि बनाएं । क्यो होता है सिरदर्द, कारण तथा उपचार ? किसी भी रोग का निदान तब तक नही हो सकता जब तक उसकी जड़ कहाँ है ये ना पता हो | यही सरदर्द के साथ है हमारा प्रयास है की उपचार से पहले आप अपने सरदर्द का कारण जान पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATATRANSLATE THIS PAGE पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियांऔर
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वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATA पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATATRANSLATE THIS PAGE पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियांऔर
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वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATA पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतरसंपर्क
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CARDIAC CLINIC
Mauris adisciping fringila turpis intend tellus ornare etos pelim. Pulvunar est cardio neque vitae elit. Lorem vulputat paentra. वात का परिचय १) विबंध अर्थात मल, मूत्र और अपान वात का बाहर न निकलना. २) भोजन की पाचन शक्ति में दुर्बलता. ३) तंद्रा-सुस्ती, हमेशा आलस्य बना रहना. ४) आंत पंचगव्य किट इस एक प्रश्न ने मेरा जीवन बदल दिया 2021-02-25t14:33:30+05.500; गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारेWWW.GAVYASHALA.COM
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कफ प्रकृति कफ प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है ।. 2. वर्ण – गोरा. 3. त्वचा – चिकनी, पानी से गीलीहुर्इ
विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 SDFDSF - गव्यशालाTRANSLATE THIS PAGE समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ क्यो होता है सिरदर्द, कारण तथा उपचार ? किसी भी रोग का निदान तब तक नही हो सकता जब तक उसकी जड़ कहाँ है ये ना पता हो | यही सरदर्द के साथ है हमारा प्रयास है की उपचार से पहले आप अपने सरदर्द का कारण जान पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATATRANSLATE THIS PAGE पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियांऔर
हमारी पंचगव्य कार्यशालाएँ इस एक प्रश्न ने मेरा जीवन बदल दिया 2021-02-25t14:33:30+05.500; गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारे गोमय भस्म (सर्व विकार) गोमय भस्म (सर्व विकार) घटक पदार्थ : गोमय (गोबर) बनाने की विधि. गोमूत्र अथवा गोमय एकत्र करें ।. जब गाय गोबर दे रही हो, तब भूमि पर गिरने सेसंपर्क
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वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 कफ प्रकृति कफ प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है ।. 2. वर्ण – गोरा. 3. त्वचा – चिकनी, पानी से गीलीहुर्इ
उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है रमेश भाई देसाई, नवसारी,गुजरात
रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढ पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATATRANSLATE THIS PAGE पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata. समर्पित- पूज्य मां (तनूजा ठाकुर) |. 9 सूत्र की पुस्तक. मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियांऔर
हमारी पंचगव्य कार्यशालाएँ इस एक प्रश्न ने मेरा जीवन बदल दिया 2021-02-25t14:33:30+05.500; गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारे गोमय भस्म (सर्व विकार) गोमय भस्म (सर्व विकार) घटक पदार्थ : गोमय (गोबर) बनाने की विधि. गोमूत्र अथवा गोमय एकत्र करें ।. जब गाय गोबर दे रही हो, तब भूमि पर गिरने सेसंपर्क
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वात प्रकृति वात प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।. 2. वर्ण – अधिकतर पित्त प्रकृति पित्त प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती ।. 2. वर्ण – पीला. 3. त्वचा – त्वचा पीली एवं नर्म होती विरुद्ध आहार सूची विरुद्ध आहार सूची. इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूचि दी गयी है | एवं उसके सेवन से शरीर में क्या बदलाव होते है उसकी जानकारी दी गयी है |. 2 कफ प्रकृति कफ प्रकृति. 1. शारीरिक गठन – सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है ।. 2. वर्ण – गोरा. 3. त्वचा – चिकनी, पानी से गीलीहुर्इ
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रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढसंपर्क
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कच्चा माल गव्यशाला अपने छात्रों को कच्चा माल (Raw Material) भी उपलब्ध करवाती है परंतु बाज़ार मे नित्य परवर्तित होते मूल्यों के कारण यहां प्रदर्शित करना संभव नही है| अत
उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन. उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लें ! : राजस्थान राज्य के जयपुर जनपद (जिला) में एक गांव है आगामी सत्र गव्यसार; 9900 one time; पाठ्यक्रम का नाम गव्यसार (प्रत्यक्ष); दिवस 3 दिवस ; आगामी शिविर प्रवेश प्रारंभ; उपलब्ध स्थान(सीट) 10 उत्पादों की संख्या 45+; त्रिगुण सिद्दान्त त्रिदोष सिद्धांत हमारे शरीर का निर्माण दोष, धातु और मल इन तीन तत्वों के मेल से हुआ है; अर्थात शरीर में जितने भी तत्व पाए जाते हैं, वे सब इन तीनों में ही अंतर्निहित है| इन में गोमय साबुन (त्वचाविकार) बनाने की विधि. साबुन को छांव में सुखाना पड़ता है इसलिए इसका उत्पादन ग्रीष्मकाल में करें । गोमूत्र घनवटी (गोमुत्र उबालकर बनाई गोलियां) गोमूत्र घनवटी (गोमुत्र उबालकर बनाई गोलियां) गोमूत्र से अर्क बनाने की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात अर्कयंत्र के बाष्पक में जो पंचगव्य गुरुकुल-EVERYTHIG FOR GAUMAATA पंचगव्य गुरुकुल-Everythig for Gaumaata रमेश भाई देसाई, नवसारी,गुजरात
रमेश चंद्र देसाई, नवसारी, गुजरात. मेरी आयु 69 वर्ष है ओर मैं एक रिटायर्ड व्यक्ति हूँ जो अपने बच्चों पर निर्भर नही रहना चाहता था | बहुत दिनो से कुछ ऐसा ढूँढ गौमूत्र अर्क ARCHIVES मुख्य पृष्ठ. गुरुकुल. आओ बनाएँ. पंचगव्य से औषधियां और उत्पाद बनाने से होने वाले लाभ * समर्पित- पूज्य मां (तनूजाठाकुर)
* | 1 लाख रुपया कमाने के 9सूत्र
* 9928087811
* मुख्य पृष् * उत्पाद* गौघृत
* गुरुकुल * आओ बनाएँ * पंचगव्य से औषधियां और उत्पाद बनाने से होने वालेलाभ
* उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन * औषधियां और उत्पाद बनाने के पहले ध्यान देने योग्यबातें
* पंचगव्य से बनने वालेउत्पाद
* गोमय (गोबर) से बनने वालेउत्पाद
* शुद्ध गोमय से बनने वालेउत्पाद
* गोमय मच्छर प्रतिबंधक धूपबत्ती * गोमय भस्म (सर्व विकार) * बर्तन स्वच्छ करनेवालाचूर्ण
* गोमय दंतमंजन * गोमय रसयुक्त वेदनानाशकतेल
* गौमूत्र से बनने वालेउत्पाद
* शुद्ध गौमूत्र से बनने वाले उत्पाद * केशसंवर्धक तेल * गौमूत्र नेत्रौषधी (आँखो के विकार) * गौमूत्र कर्ण औषधि (कानों के विकार) * गौमूत्र आसव (श्वसनतंत्र के विकार) * गौमूत्र अर्क और उससे बनने वाले उत्पाद * गौमूत्र चंद्रमा अर्क (सर्व विकार) * औषधिमिश्रित विविध गौमूत्र अर्क * गौमूत्र नीम स्प्रे (त्वचाविकार) * बालपाल रस (छोटे बच्चों केविकार)
* नारी संजीवनी (स्त्रियों के विकार) * गौमूत्र क्षार और उससे बनने वाले उत्पाद * गौमूत्र गेंदा स्प्रे(व्रण)
* गौमूत्र शैम्पू (कैशविकार)
* गव्य पित्तशामक चूर्ण * गव्य पित्त बर्हिगमनचूर्ण
* वर्धमान त्रिफला गौमूत्र चूर्ण (सर्व विकार) * गौमूत्र मधुमेहारि चूर्ण (मधुमेह) * गौमूत्र गेंदा मलहम (व्रण) * गौमूत्र मंजिष्ठा मलहम (त्वचा विकार) * श्वेत कोढ़ नाशक मलहम * गौमूत्र घन ओर उससे बनने वाले उत्पाद * गौमूत्र घनवटी * गौमूत्र मलहम (त्वचाविकार)
* गोमय (गोबर) तथा गौमूत्र से बनने वाले उत्पाद * गोमय लेप (त्वचा विकार, वेदना तथा सूजन) * गोमय साबुन (त्वचा विकार) * घी से बनने वाला ‘गव्य नेत्राजन (काजल)’ * पाँचो गव्यो की आवश्यकता रहने वाले उत्पाद * पॅंचगव्य नासिका औषधि * पॅंचगव्य दंतमंजन * पॅंचगव्य मुख़लेप (फेसपैक)
* पॅंचगव्य मलहम (त्वचाविकार)
* पॅंचगव्य स्नान चूर्ण * कृषि उत्पाद * गौमूत्र कीटनाशक * दशपर्णी अर्क (जैविक कीटनाशक) * जीवामृत (जैविक खाद) * गौसंवर्धन के साथ आर्थिक समृद्धि भी प्राप्त करने केउदाहरण
* समीक्षा * प्रश्नोत्तरी * चित्र प्रदर्शनी* अवसर
* प्रचार सामग्री * हमारा लक्ष्य * चिकित्सा * अपनी प्रकृति पहचाने * वात प्रकृति * पित्त प्रकृति * कफ प्रकृति* रोग
* रोग के प्रकार * रोग के कारण * आरोग्य का नाश करने वाली वस्तुएँ * हानिकारक भोजन* विकार
* वेग
* जीवन शैली * विषों का सेवन * त्रिदोष * वात का परिचय * पित्त का परिचय * कफ का परिचय * विरुद्ध आहार सूची * भोजन के नियम * समय के अनुसार मानव शरीर की दिनचर्या * राष्ट्र रक्षक * पंचगव्य चिकित्सक * गौ दुग्ध सेवा * देशी गौमाता क्रय करें * पंचगव्य पाठ्यक्रम * गौ आधारित प्राकृतिक उत्पाद क्रय करें * गौ सेवक * सफलताएं * अन्य फॉर्म * स्वावलंबी गौशाला निर्माण के लिए * गौमाता के सानिध्य मे आजीविका * गौसेवा करने के इच्छुक * पंचगव्य चिकित्सक के लिएअवसर
* पुस्तकें * देशी गाय से 1 लाख रुपया महीना कमाने के 9 सूत्र * बाज़ार में अपने उत्पाद बेचने के 7 सूत्र * गौमाता की चिकित्सा * प्रशिक्षण* किट
* अर्कयंत्र * फैक्ट्री * गव्यहट्टी * दान करें* ब्लॉग
* व्यापार * फ़ेसबुक पोस्ट्स * पॅंचगव्य* रोग
* सरदर्द * संपर्क * मुख्य पृष् * उत्पाद* गौघृत
* गुरुकुल * आओ बनाएँ * पंचगव्य से औषधियां और उत्पाद बनाने से होने वालेलाभ
* उत्पादक बनाने के इच्छुक जिज्ञासु से निवेदन * औषधियां और उत्पाद बनाने के पहले ध्यान देने योग्यबातें
* पंचगव्य से बनने वालेउत्पाद
* गोमय (गोबर) से बनने वालेउत्पाद
* शुद्ध गोमय से बनने वालेउत्पाद
* गोमय मच्छर प्रतिबंधक धूपबत्ती * गोमय भस्म (सर्व विकार) * बर्तन स्वच्छ करनेवालाचूर्ण
* गोमय दंतमंजन * गोमय रसयुक्त वेदनानाशकतेल
* गौमूत्र से बनने वालेउत्पाद
* शुद्ध गौमूत्र से बनने वाले उत्पाद * केशसंवर्धक तेल * गौमूत्र नेत्रौषधी (आँखो के विकार) * गौमूत्र कर्ण औषधि (कानों के विकार) * गौमूत्र आसव (श्वसनतंत्र के विकार) * गौमूत्र अर्क और उससे बनने वाले उत्पाद * गौमूत्र चंद्रमा अर्क (सर्व विकार) * औषधिमिश्रित विविध गौमूत्र अर्क * गौमूत्र नीम स्प्रे (त्वचाविकार) * बालपाल रस (छोटे बच्चों केविकार)
* नारी संजीवनी (स्त्रियों के विकार) * गौमूत्र क्षार और उससे बनने वाले उत्पाद * गौमूत्र गेंदा स्प्रे(व्रण)
* गौमूत्र शैम्पू (कैशविकार)
* गव्य पित्तशामक चूर्ण * गव्य पित्त बर्हिगमनचूर्ण
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1990
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21 APR 18
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बंद कर दो इन गौशालाओं को… नही बचेगी गाय ! Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
पृथ्वीराज चौहान जिस मार्ग से दिल्ली जाते थे… आज वह मार्ग कहाँ है…??? कहाँ है वो किले… महल…बावड़ियां जो कल तक कल-2 करके बहती थी…?? कहाँ है बजाज का सुपर ब्रांड स्कूटर..?? डायनासोर, घोड़े, कोडक, नोकिया, ऑरकुट, myspace जैसी असंख्य पशु ओर कंपनियां विलुप्त हो गई.. क्यो…?? आने वाले समय मे कार ड्राइवरलेस होने जाRead more →
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08 AUG 18
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गौभक्त ही बन रहे है गौ हत्यारे… पर कैसे ? Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
सन 1996… मैने पहला विश्वकप पिताजी के साथ टीवी पर देखा… उसके पश्चात अचानक मन में क्रिकेट के प्रति मोह होने लगा… 1999 में तो खिलाड़ियों की जीवनशैली अत्यंत आकर्षित करने लगी थी… हमारी गली के अनेक युवा क्रिकेट खेलने लगे थे… सभी को सचिन का कोल्ड्रींक, जडेज़ा का स्टाइल ओर उनकी चमचमाती दुनिया आकर्षितRead more →
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22 MAR 18
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गाय से व्यापार क्यों कर रहे है आप ? Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
कुछ झकझकिये प्रतिदिन मेरे पास आते है और कहते है मनीष भाई आप तो गाय से व्यापार कर रहे हो… उत्पाद का ज्यादा ले रहे हो, प्रशिक्षण का ले रहे हो… फिर अपन भी तपाक से ठोक डालते है… क्यों भाई समस्या क्या है…?? क्या तुम्हारे बाप-दादा ने नही किया.. कैसे…?? गाय पाली, उसका दूधRead more →
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10 MAY 18
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गाय को बचाने का काम सचिन तेंदुलकर का है ? Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
बहुत पुरानी बात नही है… जब 90 के दशक में स्वदेशी शीतल पेय कंपनियां बहुत फल-फूल रही थी जिनमे कुछ मुख्य थी- गोल्ड स्पॉट, केम्पा कोला, थम्स अप | मुझे स्मरण है हमारी दुकान पर संध्या मे शीतल पेय पीने के लिए युवाओं की भीड़ लगी होती थी, मैं स्वयं इनका दीवाना हुआकरता था
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30 JUL 18
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गव्यशाला- ग़रीबों की पाठशाला… हमें गर्व है… Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
मैं बचपन से ही अपने जीवन मे बहुत सकारात्मकरहा हूँ ओर आत्मविश्वास तो ईश्वर ने कूट-२ कर भरा है | जब मैं पंचगव्य नया-२ सीख ही रहा था तो मैं अनेक गौशालाओं मे गया… सीखने-समझने का प्रयास किया | पर पता नही क्यो उस गौशाला से बाहर निकालकर अचानक मेरा सारा उत्साह समाप्त हो जाताRead more →
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28 JUN 18
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क्या डर के आगे सच मे जीत है ? Facebook Twitter WhatsApp LinkedInGmail Share
डर… एक ऐसा शब्द जो हमें आंतरिक रूप से इतना निर्बल कर देता है की किसी भी कार्य को करने से पहले हम इतने भयभीत होते है की या तो उस कार्य को करने की हिम्मत नही जुटा पाते ओर या उस कार्य में असफल हो जाते है | सन 1999 की बात है, हमारीRead more →
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स्वास्थ्य निरीक्षण यहाँ मिलेंगी प्राकृतिक पॅंचगव्य चिकित्सा*
स्वास्थ्य परीक्षण यहाँ मिलेंगी प्राकृतिक पॅंचगव्य चिकित्सा*
रोग निदान यहाँ मिलेंगी प्राकृतिक पॅंचगव्य चिकित्सा गव्यशाला लक्ष्य एक- गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा*
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